आज हम लोग बात करेंगे अपने खेत के आधुनिकीकरण Solar Pump के द्वारा के बारे में, जब कभी खेती के बारे में सोचते है तो हमारा सबसे पहला ध्यान जाता है खाद बीज इत्यादि पर जाता परन्तु सबसे महत्वपूर्ण पानी है पानी के बिना हम कोई भी फसल भारत में नहीं उगा सकते है किसानो को अपने फसल की पैदावार बढ़ने के लिए सबसे उपयोगी पानी है। जब कभी भी खेतो की आधुनिकीकरण की बात हो सबसे पहले पानी पर बात होनी चाहिए की कैसे किसान अपने खेतो को सही मात्रा में सही समय पर सिचाई कर सके।
सिचाई मे समस्या
भारत के कई गाँवों में अब भी ऐसे क्षेत्र हैं जहां नहर नहीं है; यहां किसान बिजली के सहायता से अपने नलकूप या सिचाई के मोटर का उपयोग कर रहे हैं। वहां, जहां नहर और बिजली दोनों नहीं हैं, किसान डीजल के साथ अपने मोटर का उपयोग कर रहे हैं। इसके माध्यम से वे सिचाई कर रहे हैं और अपनी फसलों को समय पर पानी पहुंचा रहे हैं।
नहर से सिचाई में समस्या
हमने किसानों से बात की, जिसमें पाया कि जहां नहर पहुँच गई है, वहां भी फसलों की सिचाई समय पर नहीं होती है। इसका मुख्य कारण है कि नहरों में सही समय पर पानी नहीं आता, और कई किसान अपने खेत की सिचाई के लिए पहले ही पानी को रोक लेते हैं। इसका परिणामस्वरूप, कई किसान अपने अनुमान के अनुसार फसल को सही समय पर नहीं उगा पा रहे हैं, जिससे उन्हें आमदनी में नुकसान हो रहा है। यह नुकसान सीधे रूप से उनके परिवार और आने वाली फसल पर असर डाल रहा है।
डीसल या ईंधन से सिचाई में समस्या
यदि हम यहां डीजल से सिचाई की समस्याओं की बात करें, तो सबसे पहला मुद्दा है डीजल की महंगाई और इसके पर्यावरण पर दुर्भाग्यपूर्ण प्रभाव। किसानो के लिए डीसल से सिचाई करना मतलब अपने खर्चे को दो गुना तक बढ़ाना 2023 / 2024 में अगर कोई किसान डीसल से सिचाई करना अपने आमदनी को जीरो करने के बराबर है
अपने खेतो को समय पर सिचाई एवं फसल से फायदा कैसे कमाए
भारत में सोलर से चलने वाले उपकरण का बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश में, करीब 30 से 40 प्रतिशत किसान अपने खेतों की सिचाई सोलर के माध्यम से कर रहे हैं, जो भारत के अन्य राज्यों के मुकाबले थोड़ा कम है, लेकिन इसमें वृद्धि हो रही है।
भारत सरकार के अनुसार, 2021 में उत्तर प्रदेश में सोलर पंपों की संख्या में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इससे सिचाई के क्षेत्र में सौर ऊर्जा का प्रयोग करने वाले किसानों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
कर्नाटक, महाराष्ट्रा, गुजरात, राजस्थान, और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में सोलर पंपों का प्रयोग करने वाले किसानों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए, उत्तर प्रदेश में भी इसका प्रयोग बढ़ रहा है।
इस वृद्धि के पीछे सोलर पंपों को लागू करने पर सरकारी सब्सिडी और उत्तर प्रदेश सरकार के सशक्त प्रयासों का महत्वपूर्ण योगदान है, जिससे किसानों को अधिक ऊर्जा उत्पन्न करने और सिचाई के क्षेत्र में नए और साथ ही पर्यावरण से सही तरीके से उपयोग करने का अवसर मिलता है।
सोलर पंप के फायदे
सोलर पंप लगाने के बाद किसान नहर या अन्य किसी भी पुरानी सिचाई की पद्धाति की जरुरत नहीं होती किसान अपने फसल की सिचाई समय के अनुसार कर सकता है जिसे की 100 प्रतिसत संभव है की पैदावार मे बढ़ोतरी होगा और साथ साथ आमदनी भी बढ़ेगी, किसान अपना फसल समय से काट पायेगा और नयी फसल लगा पायेंगे।
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